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हिन्दू मन्तव्य की पोल खोल

हिन्दूमन्तव्य की पोल खोल               -अथर्व आर्य कुछ लोग हैं जो खुद को हिंदू कहते हैं और स्वामी दयानंद जी  का विरोध करते हैं उन्होंने हिंदू मंतव्य नाम से एक ब्लॉग बनाया है जिस पर वह स्वामी जी को गालियां देते हैं यह लेख उनके मुंह पर जोरदार तमाचा है | इनका एक लेख आया था दयानंद का अद्भुत विज्ञान नाम से तो आज उसकी समीक्षा करते हैं पहला  आक्षेप इस पर किया है कि स्वामी जी ने नवम समुल्लास में एक स्थान पर लिखा है कि आकाश का कोई रंग नहीं होता तो तो प्रश्न करते हैं लोग कि ऊपर जो दिखाई देता है यह क्या है स्वामी जी कहते हैं कि जो ऊपर दिखता है जो अलग-अलग तरह के त्रसरेणु  अर्थात कण हैं, अग्नि के पृथ्वी के जल के उनके कारण ही यह रंग दिखाई जाए बिल्कुल सही है वैज्ञानिक तथ्य है आगे स्वामी जी कहते हैं जो नीला है यह जल  जो बरसता है उसके कारण दिखाई देता है अब मूर्खों ने ऐसा काम किया है कि इस  बात को लेकर स्वामी जी के बारे में बहुत अपशब्द कहे हैं इस ब्लॉग में । इन लोगों ने खुद कुछ विज्ञान पढ़ा नहीं है और आकर यहां पर अपना ज्ञान झाड़ रहे हैं केवल विरोध करने के लिए तो आप इसकी समीक्षा करते हैं ऋग्वेदादिभाष

ईसाइयत का सच

झूठे ईसाइयों के लिए आयना कई बार ईसाई पास्टर और प्रचारक सनातन वैदिक धर्म पर आक्षेप करते हैं कि वेद में तो यज्ञ के समय पशुबलि देने का विधान है और ऐसा कह कर भोले भाले लोगों को ईसाई बनाते हैं और कहते हैं जिस धर्म में ईश्वर को खुश करने के लिए बेचारे पशुओं को मारा जाता हो उस धर्म को छोड़ देना ही अच्छा है पर आज तक सिद्ध नहीं कर पाए ना कभी कर पाएंगे। तो आज इस लेख के माध्यम से मैं ऐसे मूर्ख ईसाइयों को आयना दिखा रहा हूं बाइबल में पशुबलि 1.सातवे महिने के पहले दिन एक सभा रखी जाए और इस दिन कोई रोज वाले काम मत करना और सब लोग भोंपू बजाएं। 2.ईश्वर को सुगंध से खुश करने के लिए एक जवान बैल एक भेड़ और एक वर्ष की आयु के सात मेंमनों को पका कर ईश्वर को पेश कीया जाए। ये जब जानवर पूर्ण रूप से स्वस्थ हों। 3.आटे और olive oil के साथ 3/10 भाग बैल के मांस का और 2/10 भाग भेड़ के मांस का 4.और हर मेंमना 1/10 वा भाग होगा। 5. और अगर पाप क्षमा करवाने हैं तो एस बकरा ही चढ़ा दो साथ में। 6. ‎ये रोज़ के पके मांस, अन्न और शराब के चढ़ावे के अलावा है। और ये सब सुगंध युक्त उस ईश्वर के लिए है। 7. ‎सातवे महिने के दसवे दिन